वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) क्या है?



वायुमंडल के कारण होने वाले अपवर्तन को वायुमंडलीय अपवर्तन कहते है! 

     हमारी पृथ्वी, चारों तरफ से वायु से घिरी हुई है, इसी वायु के आवरण को वायुमंडल कहते है। वायुमंडल में कुल वायु के अलग-अलग पांच परतें है, और सभी की Temprature अलग अलग होती हैं। नीचे की परत पारितंत्र के कारण सबसे गर्म होती है जबकि उपर की परत सबसे ठंडी होती है! जैसे हम वायुमंडल में पृथ्वी से दूर जाते है तो इसका Temprature घटते जाती है।। 




गर्म वायु हल्की होती है जिसके कारण इसका अपवर्तनांक Refractive Index ठंडी वायु से कम होती है!.. और जैसे हम वायुमंडल से पृथ्वी की ओर आते है तो अपवर्तानांक का मान घटने लगती है! 



इसका मतलब उपर वाले सतह का अपवर्तानांक refractive Index सबसे अधिक और सबसे नीचे वाले सतह का सबसे कम होती है! 


वायुमंडलीय अपवर्तन होने के कारण... 


 light जब वायुमंडल से होकर गुजरती है ,तो वह एक layer से दूसरे layer मे प्रवेश करती है , तो पहले layer की अपवर्तानांक अधिक और दूसरे का कम होता है, जिसके कारण light, refraction होने के बाद normal से दूर चली जाती है, और पुनः जब light दूसरे layer से तीसरे layer मे जाती है तो पुनः वही प्रक्रिया दुहराते हुए अपवर्तन refraction होती है, ये normal से दूर चली जाती है, प्रत्येक layer पर यही process को दुहराती है, जिसके परिणाम स्वरूप light की दिशा,वास्तविक दिशा से तिरछी हो जाती है, इसे ही हम वायुमंडलिय अपवर्तन atmospheric Refraction कहते है! 



Application
वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण ही..... 

  • तारे टिमतिमाते है.... 
  • अग्रिम सूर्योदय तथा बिलंबित सूर्यास्त (early rise and late sunset)होती है, 
  •  तारें अपनी वास्तविक स्थिति से उपर प्रतीत होते है.. Etc.. 
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