मानव नेत्र, मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण Sense है! यह हमे यह अद्भुत संसार तथा हमारी आस पास की चीजों को देखने योग्य बनाता है! आँखें बंद करके हम चीजों को , उसकी गंध, स्वाद , उसके आवाज़, तथा उसे छु करके कुछ हद तक पहचान सकते हैं, लेकिन हम उसके रंगो को नहीं पहचान सकते, मानव नेत्र हमारी संसार को Colourful बनाता हैं!!
आँख को एक हम एक camera की भाँति समझ सकते है!
तो आइये समझते है इसकी पूरी बनावट तथा क्रियाविधि को....
मानव नेत्र की आकृति लगभग गोल होती हैं, जिसकी diameter लगभग 2.3 cm होती हैं!
नेत्र के उपर Eyelid होती है जिसे हम पलक भी बोलते है जो नेत्र को धूल Dust से बचाता है, और यह समय समय पर Blinking करते रहता है, जिससे नेत्र hydrated बना रहता है!
अब नेत्र पर आते है,
जैसा की हम बताये नेत्र लगभग गोल होती है और इसके आगे वाला भाग थोड़ा curve रहता है, जिसे हम Cornea कहते है, हमारे नेत्र चारो तरफ से white colour की एक परत से ढकी रहती है जो नेत्र को सुरक्षा प्रदान करती है, जिसे sclera यानी श्वेत पटल कहा जाता है! और curve वाला भाग जिसे cornea कहते है इसे बाहर से भी पहचान सकते है, ये जितना बाहर से white वाला भाग दिखाई देता है यही cornea होती है ये भाग पारदर्शी होता है और यही से प्रकाश ,नेत्र के अंदर प्रवेश करती है !
नेत्र को बाहर से देखने पर उसके अंदर गोल वाला भाग होता है, जिसे हम irish यानी परितारिका कहते है यह नेत्र के colour को बताती है, इसका colour अलग अलग लोगो अलग अलग हो सकता है, किसी का brown होता है, तो किसी का light brown, किसी का green तो किसी का हल्का red भी हो सकती हैं! अब irish को अगर ध्यान से देखे तो उसके बीच मे एक काला वाला भाग होता है, जिसे pupil यानी पुतली कहा जाता है, जो नेत्र के अंदर enter करने वाले Light की मात्रा को control करती है!!
अब आगे बड़ने पर नेत्र लेंस होता है,जिसे cristlia लेंस कहा जाता है जो convex लेंस यानी उत्तल लेंस की तरह कार्य करती है! और यह siliary muscles के द्वारा लटका रहता है जो जरूरत के अनुसार लेंस को छोटा या बड़ा करते रहता है! जब किसी दूर की वस्तु को देखना होता है तो siliary muscles लेंस को लंबा बना देता है, और जब नजदीक की वस्तु को देखना होता है तो siliary muscles लेंस को मोटा बना देता देता है! और जब light लेंस से गुजरती है तो लेंस वस्तु की वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब retina पर बनाता है!
Retina ये नेत्र का आंत्रिक वाला भाग होता है, जहाँ वस्तु की वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब बनता है जब कभी retina पर प्रतिबिंब नहीं बन पाता है तो वैसी स्थिति मे हम उस वस्तु को नहीं देख सकते है! और यह यहाँ पर बने image को electrical signal मे बदलता है जो optic nerve यानी नस के द्वारा आगे transmitte करता है!
अब Optic nerve दो प्रकार के होते है --
1. Cones.... यह nerve cells Bright light यानी तेज light के लिए sensitive होता है! यानी अधिक light मे यह cells कार्य करती है!
Aur दुसरा
2. Rod --- यह nerve cells dim light यानी कम प्रकाश के लिए sensitive होता है! यानी कम light रहने पर यह cells कार्य करती है!
Optic nerve यानी दिक् कोशिकाएं electrical signal ko मत्सिषक तक पहुँचती है और तब हमारी मस्तिष्क इस signal को image मे बदल कर सूचना को ग्रहण करती है, और हम वस्तु को देख पाते है! और इस प्रकार देखने की यह प्रक्रिया खतम होती है!!







Comments
Post a Comment
Hello
I'm Ganesh Gaurav and I'm here to describe my opinions and content.. And I give a short & amp; understandable review about PHYSICS ,Lot of people didn't know about his surrounding and it's functions.....
If you like this then do comment and follow