Rainbow (इंद्रधनुष) कैसे बनता है?

अक्सर बरसात के दिनों मे असमान मे सात रंगो वाला एक पट्ट बनता है, जो वातावरण को काफी मनमोहक बनाता है, 
 और यह नजारा हमारे आँखों को खूब भाता है! 



 इस सात रंग वाले पट्ट को rainbow कहते है.. 
तो आईये जानते है इसके बनने के कारण को.. 
Rainbow का formation एक प्रकाश की परिघटना है, 
और हमे इसे, समझने से पहले हमे ये घटना को समझना होगा! 

1. प्रकाश का विक्षेपण ( Dispersion) 
                     और 
2. प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
  ( Total Internal Reflection ) 

1. विक्षेपण.
जब प्रकाश किसी प्रिज्म से होकर टकरती है तो वह सात अलग अलग रंगो मे विवक्त हो जाती है, जिसे प्रकाश का विक्षेपण कहते है.. लाल रंग की विक्षेपण सबसे कम होती है इसीलिए वह सबसे उपर रहती है! जबकि वैगनी violet की विक्षेपण सबसे अधिक होती है तो वह सबसे नीचे रहती है... 



2. Total Internal Reflection..

 जब light सघन माध्यम से विरल माध्यम मे जाती है और आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से जब अधिक हो,तो वैसी स्थिति में...light दूसरे medium मे जाने की वजाय उसी medium मे वापस लौट आती है, इसे ही Total internal reflection कहते है! 



Formation of rainbow. 

Rainbow को बनने के लिए दो चीजो का होना जरूरी है 
1. बरसात का होना या वातावरण में जल कण का मौजूद होना। 
2. उसी समय यानी बरसात के समय ही सूर्य के प्रकाश का होना! 
 
वर्षा की बुँदे एक प्रिज्म की तरह कार्य करती है, जिनपर जब सूर्य की प्रकाश पड़ती है तो वो सात रंगो मे वँट जाती है ...और कण के अंदर ही इन किरणों का internal Reflection होते हुए ये हमारी आँखों तक पहुँचती है, और हमारी आँख इसका कल्पनिक प्रतिबिंब आकाश में सूर्य के विपरीत ओर बनाता है यह कभी अर्धगोलाकार बनता है तो कभी गोलाकार । 



Rainbow हमे तब दिखाई देती है जब हम सूर्य के विपरीत खड़े होते है ।
वास्तव मे rainbow हमारी आँखों की धोखा है जिसका आकाश मे कोई अस्तित्व नही होता है! 

Colour Of Rainbow 

Rainbow की सातों colour hai..... Red, Orange, Yellow, Green, Blue, Indigo and Violet... 



इसके लिए सूरज देखने वाले के पीछे तथा असमान मे सबसे नीचे होनी चाहिये। सूर्य की किरण देखने वालों से 42 के कोण से वर्षा के बूँदों से टकरानी चाहिए। 

 इसे और भी अच्छे से समझने के लिए हमारा ये video देखें.. 

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